Class 6 Sanskrit Grammar Book Solutions वर्णमाला तथा वर्णविचारः
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Sanskrit Vyakaran Class 6 Solutions वर्णमाला तथा वर्णविचारः
अभ्यासः
प्रश्न 1.
वर्णमालां पूरयत। (वर्णमाला पूरी कीजिए। Complete the alphabets.)
उत्तर:
अ, इ, ऊ, ऋ, ए, ओ
(ख)
उत्तर:
प्रश्न 2.
अधोदत्ते पदानां वर्णविच्छेदे अथवा वर्णसंयोगे रिक्तस्थानपूर्तिं कुरुत। (नीचे दिए गए पदों के वर्ण-विच्छेद अथवा वर्ण-संयोग से रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए। Fill in the blanks in segregation of syllables in words given below.)
उत्तर:
(i) अ, र्, अ
(ii) र् , थ् , म्,
(iii) ए , र्
(iv) द्, य्
(v) ज् , अ, अ
(vi) म् , :
(ख)
(i) …………………. = व् + इ + द् + य् + आ
(ii) …………………… = क् + उ + त् + र् + अ
(iii) …………………… = व् + अ + र् + ण् + अ + :
(iv) …………………… = प् + र् + अ + त् + य् + ए + क् + अ + म्
(v) …………………….. = आ + श् + र् + अ + म् + अ + :
उत्तर:
(i) विद्या
(ii) कुत्र
(iii) वर्णः
(iv) प्रत्येकम्
(v) आश्रमः
प्रश्न 3.
(क) मूलस्वरं चिनुत। (मूल स्वर चुनिए। Pick out the basic vowel.)
(i) ए
(ii) आ
(iii) इ
(iv) य्
उत्तर:
(iii) इ
(ख) दीर्घस्वरं चिनुत। (दीर्घ स्वर चुनिए। Pick out the long vowel.)
(i) औ
(ii) ऋ
(iii) लु
(iv) अ
उत्तर:
(i) औ
(ग) स्वरं चिनुत। (स्वर चुनिए। Pick out the vowel.)
(i) र्
(ii) ल्
(ii) श्
(iv) ओ
उत्तर:
(iv) ओ
(घ) स्वरयुक्त व्यञ्जनं चिनुत। (स्वरयुक्त व्यञ्जन चुनिए। Pick out the consonant with vowel.)
(i) ख्
(ii) ग्
(iii) घ
(iv) ङ्
उत्तर:
(iii) घ
(ङ) स्वररहितं व्यञ्जनं चिनुत। (स्वर रहित व्यञ्जन चुनिए। Pick out the consonant without vowel.)
(i) शी
(ii) ष
(iii) से
(iv) हु
(v) क्त्
(vi) श्र
उत्तर:
(v) क्त्
(च) संयुक्त व्यञ्जनानि चिनुत। (संयुक्त व्यञ्जन चुनिए। Pick out the conjuncts.) द्य, क्त, म, म, कृ, प्र
उत्तर:
द्य, क्त, र्म, कृ, प्र
वर्णमाला (Alphabets)|
वर्ण अथवा अक्षर दो प्रकार के होते हैं । (Letters of the alphabet are of two types.)
1. स्वरा: (स्वर -Vowels) – वे अक्षर जिनका उच्चारण करने के लिए किसी अन्य अक्षर की सहायता नहीं लेनी पड़ती। (Those letters which do not need the help of any other letter for their pronunciation.)
2. व्यञ्जनानि (व्यञ्जन – Consonants)-वे अक्षर जिनका उच्चारण करने के लिए किसी स्वर की सहायता लेनी पड़ती है। (Those letters that cannot be pronounced without the help of a vowel.)
स्वर के भेद (Classification of Vowels)
उच्चारण के आधार पर स्वरों के तीन भेद हैं
(क) ह्रस्व स्वर-जिन स्वरों के उच्चारण में कम-से-कम समय लगे, उन्हें ‘ह्रस्व स्वर’ कहते हैं; जैसे —
अ, इ, उ, ऋ, और ।
(ख) दीर्घ स्वर-जिन स्वरों का उच्चारण ह्रस्व स्वर से दुगुने समय में हो, उन्हें ‘दीर्घ स्वर’ कहते हैं; जैसे —
आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
(ग) प्लुत स्वर-जिन स्वरों के उच्चारण में ह्रस्व स्वर से तिगुना समय लगता है, उसे ‘प्लुत स्वर’ कहते हैं;
जैसे
ओ३म्, हे राइम्! इसके प्रतीक के रूप में ३ (तीन) लिखा जाता है।
व्याकरण की दृष्टि से स्वर के अन्य दो भेद भी होते हैं-
(i) मूल स्वर और
(ii) सन्धि स्वर।
(i) मूल स्वर- वे स्वर हैं, जो अखण्ड हैं। अर्थात् इनके और छोटे खंड (टुकड़े) नहीं किए जा सकते हैं।
ये पाँच हैं – अ, इ, उ, ऋ, ।
(ii) सन्धि स्वर- सन्धि स्वर दो स्वरों की सन्धि से बनते हैं। ये आठ हैं—आ, ई, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ; जैसे
अ+अ = आ,
इ+इ = ई,
उ+उ = ऊ
ऋऋ = ऋ
अ+इ = ए
अ+ए = ऐ
अ+उ = ओ
अ+ओ = औ।
स्वराः (स्वर – Vowels) – अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ।
व्यञ्जनानि (व्यञ्जन-Consonants)
हलन्त चिह्न
यदि हम ‘क’ का उच्चारण करें तो ‘क्’ के साथ ‘अ’ की ध्वनि भी मुख से निकलती है। वास्तव में ‘क्’ या अन्य सभी व्यञ्जनों का उच्चारण ‘अ’ की सहायता से ही संभव होता है।
जैसे-
क = क् + अ
ख = ख + अ
ग = ग् + अ
घ = घ् + अ इत्यादि
अवधेयम्-किसी व्यञ्जन में ‘अ’ जुड़ने पर उसके नीचे लगे हलन्त चिह्न का लोप हो जाता है।
1. When we utter the consonant ‘क’, we are actually uttering not one but two sounds ____ viz.
क् and अ.
2. In fact it is possible to pronounce a consonant only with the help of a vowel,
3. When 37 is added to a consonant the diagonal stroke under the consonant ___ disappears.
अयोगवाह-स्वर तथा व्यञ्जन के अतिरिक्त संस्कृत भाषा में दो और ध्वनियाँ भी हैं, जिन्हें अयोगवाह कहते हैं
- अनुस्वार (.) – यथा- संगीतम्, संस्कृतम्, संस्कारः आदि।
- विसर्ग (:) – यथा- रोहितः, संदीपः, छात्रः, सिंहः, शुक: आदि।
अनुस्वार तथा विसर्ग – ये दोनों ध्वनियाँ केवल स्वरों के साथ ही प्रयोग में लाई जाती हैं। अनुस्वार नासिक (नाक से निकलने वाली) ध्वनि है। विसर्ग का उच्चारण ‘ह’ की भाँति होता है। (These two sounds called अनुस्वार are used only in conjunction with vowels 377ar is a nasal sound and विसर्ग is pronounced like ह्.)
मात्रा-जंब कोई स्वर व्यञ्जन में जोड़ा जाता है तो मात्रा के रूप में दर्शाया जाता है। [When a vowel is added to a consonant, it is shown in the form of a symbol (मात्रा).]
स्वर तथा व्यञ्जन के सार्थक मेल से शब्द बनते हैं।
वर्ण-विन्यास-शब्द में आए वर्णों को क्रम से अलग-अलग करने को वर्ण-विन्यास कहते हैं। (The process of separating each letter either a vowel or a consonant in a given word is called वर्ण-विन्यास.)
संयुक्त – अक्षराः
संस्कृत भाषा में कुछ संयुक्त अक्षर भी हैं। जब एक स्वर-रहित व्यञ्जन दूसरे व्यञ्जन से जुड़कर एक अक्षर (व्यञ्जन) बन जाता है, उसे संयुक्त अक्षर कहते हैं; यथा
क् + ए = क्ष् (क्षमा)
त् + र् = ञ् (क्षत्रियः)
श् + र् = २ (आश्रमः)
ज् + ञ् = ज् (ज्ञानी)
द् + य = छ् (विद्या)
र् + प् – प् (सर्पः) इत्यादि।
(In Sanskrit there are some conjuncts (joint consonants) too. When a consonant combines with another consonant without any vowel intervening, a conjunct is formed. A few examples have been given above.)
अकारान्त तथा आकारान्त शब्द |
अब उपर्युक्त दोनों वाक्यों पर विचार करते हैं
- बालकः पठति और
- राधा लिखति।
इनमें दो मूल संज्ञा शब्द हैं
- बालक और
- राधा ।
‘बालक’ (बालक् + अ) अकारान्त शब्द है। अकारान्त वे शब्द होते हैं जिनका अंतिम अक्षर ‘अ’ होता है; जैसे
– बालक, छात्र, अध्यापक, विद्यालय, कलम, अश्व, सिंह आदि अकारान्त हैं। ‘राधा’ (राध् + आ) आकारान्त शब्द है। आकारान्त वे शब्द होते हैं जिनका अंतिम अक्षर ‘आ’ होता है; जैसे – माला, लता, अध्यापिका, शाखा, दिव्या, बालिका, वाटिका आदि भी आकारान्त शब्द हैं।
[Two sentences have been given,
- बालकः पठति
- राधा लिखति.
In these the word बालक ends in the letter ‘अ’ and the word राधा ends in ‘आ’. So बालक (बालक् + अ) is अकारान्त (ending in अ) and राधा (राध् + आ) is आकारान्त (ending in आ)].
इकारान्त (कवि, मुनि), उकारान्त (साधु, शिशु) ईकारान्त (नदी, सखी) ऋकारान्त (मातृ, पितृ) शब्द भी होते हैं। इनकी चर्चा अगली कक्षा में होगी। There are words ending in इ, उ, ई, ऋ too in the Sanskrit language. These will be dealt with in the next class.